शिमला : हिमाचल में निजी स्कूलों की मनमानी सामने आने लगी है। प्रदेश के अधिकतर निजी स्कूलों ने एक साल में 15 फीसद तक फीस बढ़ोतरी की है। यह खुलासा उच्चतर शिक्षा उपनिदेशकों की रिपोर्ट से हुआ है। प्रदेश के छह जिलों के उपनिदेशकों ने निजी स्कूलों के साथ हुई बैठकों की रिपोर्ट उच्चतर शिक्षा निदेशालय को सौंप दी है।
निदेशालय के अधिकारी अन्य छह जिलों की रिपोर्ट आने के बाद उसकी जांच पड़ताल करेंगे। यह रिपोर्ट छह अप्रैल तक सौंपी जानी थी। छह जिलों के उपनिदेशक कम समय और रविवार की छुट्टी को रिपोर्ट सौंपने में देरी का कारण बता रहे हैं। निदेशालय ने उन्हें रिपोर्ट जल्द सौंपने को कहा है। यदि 10 अप्रैल तक रिपोर्ट निदेशालय को नहीं सौंपी तो उपनिदेशकों को कारण बताओ नोटिस जारी होंगे। निजी स्कूलों का निरीक्षण होगा
निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए उच्चतर शिक्षा निदेशालय पूरी तरह हरकत में आ गया है। शिक्षा उपनिदेशकों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में बताए गए तथ्यों की जांच करने के लिए शिक्षा विभाग की टीमें निजी स्कूलों का निरीक्षण करेंगी। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने जिला उपनिदेशक (उच्चतर शिक्षा) को जिलास्तर पर टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। शिमला के निजी स्कूलों से निरीक्षण की शुरुआत होगी। इसके बाद अन्य जिलों में भी निजी स्कूलों के निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। शिक्षकों के वेतन की भी लेंगे रिपोर्ट
निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को कितना वेतन दिया जा रहा है, उसकी भी रिपोर्ट तलब की जाएगी। हालत यह है कि कई निजी स्कूलों में शिक्षकों को कम वेतन दिया जा रहा है। कई निजी स्कूल शिक्षकों से अधिक वेतन वाली स्लिप पर हस्ताक्षर करवाते हैं और कम वेतन थमा दिया जाता है। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने उपनिदेशकों को इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। लेकिन कम समय होने के कारण फीस वृद्धि की रिपोर्ट ही तैयार कर निदेशालय को सौंप दी गई है। जिलास्तर पर बनेंगी टीमें
निजी स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए जिलास्तर पर टीमें गठित की जाएंगी। जिला मुख्यालय व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित निजी स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा।
डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, निदेशक, उच्चतर शिक्षा निदेशालय।